Anupama Written Episode 4th September 2024: अनुपमा के आज के अपडेट्स तो दोस्तों टीवी सीरियल अनुपमा की आज की कहानी में हम देखेंगे कि अनुपमा जो बातें बा को समझा रही थी वही बातें वह बापू जी से भी करते हुए नजर आती है आशा भवन में और वहीं पर उनको समझाते हुए नजर आती है कि आप दोनों को एक साथ रहना चाहिए और कहती हुई नजर आती है कि यह बातें मैं बा को भी कहती हूं और आपको भी कह रही हूं और जरा इसके बारे में सोचिए और तभी वहां पर इंद्रा जी भी कहने लगती है कि जब आप लोग साथ में रह सकते हैं तो अलग-अलग क्यों रहना भाई साहब और तभी वहां
Anupama Written Episode 4th September 2024
पर बालाजी कहने लगते हैं कि हां फिर दूर-दूर से रोमांस क्यों करना तो बापू जीी जो है वो चढ़कर बालाजी को देखने ल लगते हैं और फिर वहां पर बालाजी कहने लगते हैं कि देखो हसमुख भाई बुढ़ापे में जीवन साथी का साथ जो होता है ना वह बहुत ही ज्यादा किस्मत वालों को मिलता है और आप किस्मत वाले हो और क्यों अपनी किस्मत को लात मार रहे हो और तभी वहां पर सागर कहता है कि लगता है कि इस जन्माष्टमी जो है वह सबको मिलने मिलाने का समय
शुरू हो चुका है क्योंकि पहले जो है वो अनुज और अनरी मिले और अब जो है वो बापूजी और बाग मिलने वाले हैं और तभी हम अनुपमा को देखते हैं जो कि सारे आशा भवन के लोगों के साथ जो है वो काना जी की पूजा करते हुए नजर आ आती है और कान्हा जी को थैंक यू थैंक यू थैंक यू कहते हुए नजर आती है और कहती है कि थैंक यू कान्हा जी मुझे नया जीवन देने के लिए और जीने की वजह देने के लिए और कहने लगती है कि आपने सब एक ही झटके में जो है
वो सब परेशानियां दूर कर दी और मुझे मेरी बेटी से मिला दिया और कपाड़िया जी को भी ठीक कर दिया और स्टॉल भी आपकी कृपा से बहुत ही ज्यादा अच्छा चल रहा है बस सब पे और आप इस आशा भवन पर अपनी कृपा हमेशा बनाए रखना और तभी वहां पर अनुपमा जो है वो आरती करने लगती है और साथ ही साथ वहां पर आशा भवन के सारे लोग जो है वो आरती करते हुए और गाना गाते हुए नजर आते हैं और तभी हमें दूसरी तरफ तपिश को दिखाया
जाता है और सारे लोगों को दिखाया जाता है शाह फैमिली के जो कि बा को समझा रहे होते हैं बापू जी के साथ रहने के लिए और वहीं पर डिंपल भी जो है वो कहने लगती है कि मुझे नहीं लगता कि पापा इसमें कुछ बोलेंगे और उनको कोई इशू होगा और तभी वहां पर सब के सब कहने लगते हैं कि मम्मी बिल्कुल ठीक कह रही है और हम भी उनसे एग्री करते हैं आपको बापू जी से जो है वो पैचअप कर लेना चाहिए और बा जो है वो काफी ज्यादा परेशान हो जाती है
और सब के सब बा के पीछे पड़ जाते हैं जिससे कि कि बा जो है वो परेशान होकर वहां से उठकर जो है चली जाती है और बा के जाने के बाद जो है वो मीनू कहने लगती है कि आई होप कि बा जो है वो मान जाए और तभी वहां पर किंजल भी कहने लगती है कि मैंने बा को जो है वो बापू जी के लिए तड़पते हुए और रोते हुए देखा है और तभी वहां पर हमारी पाख है मैडम जो है वो कहने लगती है कि बा अगर मान भी जाती है तो इसका मतलब ये नहीं कि आप लोगों
Anupama Written Episode 4th September 2024
को खुली छूट मिल जाए और स्पेशली मीनू एंड तपिश का नाम लेते हुए नजर आती है और तभी वहां पर किंजल कहने लगती है कि पाखी तुम सीधे मुंह कभी बात नहीं कर सकती क्या तो तपिश जो है वो पाखी का साइड लेने लगता है और कहने लगता है कि वो बिल्कुल सही कह रही है और तभी हमें सीरियल में अनुपमा को दिखाया जाता है जो कि आरती खत्म होने के बाद जो है वो प्रसाद बांटते हुए नजर आती है और तभी वहां पर इंद्रा जी कहने लगती है कि अब
तुम आराम कर लो और तभी वहां पर अनुपमा कहने लगती है कि हां आराम करने के बाद मुझे कहीं जाना है तो अनुज कहने लगता है कि कहां जाना है और वो भी अभी और ऐसी हालत में तो यहां पर अनुपमा बताने लगती है कि मेघा जी से मिलने के लिए जाना है और यह सुनकर जो है वो सारे के सारे लोग जो है वो शॉक्ड हो जाते हैं और वहीं पर इंद्र जी कहने लगती है कि तुम पागल हो गई हो क्या वहां जाना खतरे से कम नहीं है और बालाजी भी कहते हुए
नजर आते हैं कि क्या अनू तुम जिस औरत ने तुम्हें मौत के मुंह में पहुंचा दिया उसी से मिलने के लिए तुम जा रही हो पर तभी वहां पर आद्या भी जो है वो रोने लगती है और अपनी मम्मी को जाने से मना करने लगती है और कहने लगती है कि वो औरत बहुत ही ज्यादा खतरनाक है और आप वहां नहीं जाएंगे और मैं आपको जाने नहीं दूंगी और तभी आद्या कहने लगती है कि पापा प्लीज समझाइए ना मम्मी को तो यहां पर अनुज जो है वो समझाता है लेकिन यहां पर
अनुपमा कहने लगती है कि मुझे प्लीज कुछ सवालों के जवाब चा अनुज प्लीज मेरी बात को समझो और तभी वहां पर अनुज कहने लगता है कि ठीक है अगर तुम जाओगी तो मैं भी तुम्हारे साथ आऊंगा और तभी वहां पर अनुपमा जो है वो हां कर देती है और मान जाती है और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि अंश जो है वो तोसू से पूछता हुआ नजर आता है कि मुझे दादू से बात करनी है वो कब आएंगे और तभी तोष कहने लगता है कि अंश ये
क्या बदतमीजी है और तभी वहां पर अंश कहने लगता है कि परी ईशू और माही जो है वह मुझे परेशान करती रहती है और मुझे उनकी शिकायत जो है वो दादू जी से करनी है वो कब आएंगे मुझे उनसे बात करनी है और तभी वहां पर बाभी कहने लगती है कि हां तोशो कितने दिन हो गए हैं ना वनराज को गए हुए और मुझे भी उससे बात करनी है उसे फोन कर और तभी वहां पर तोशो कहने लगता है कि पापा का कोई भरोसा नहीं है वो कभी भी आ जाएंगे और
कहेंगे कि वनराज शाह इज बैक और जैसे ही तोशो ये सब कहता है तो वहां पर चार-पांच लोग जो है वो उसके घर के अंदर घुस जाते हैं और तभी वहां पर तोशो कहने लगता है कि कौन है आप लोग और ऐसे कैसे बिना परमिशन के अंदर आ रहे हैं और तभी वो लोग जो है वो कहने लगते हैं कि सवाल नहीं जवाब दे वनराज कहां है तो यहां पर तोष कहने लगता है कि मैं क्यों बताऊं कि पापा कहां है और क्या करोगे जान के यह सब कहने लगता है और तभी वह जो है
उन्हें बाहर जाने के लिए कहता है लेकिन वो लोग जो है वो तोशो को धक्का दे देते हैं और उनमें से एक आदमी जो है वो गन निकाल लेता है और तोशो पे तान देता है और तभी पूछने लगता है कि अब बता कि वनराज कहां है तो यहां पर तपिश कहने लगता है कि पापा जो है वो ऑफिस के काम से कहीं गए हुए हैं एक बार उनको आने दीजिए उसके बाद सारी बातें क्लियर हो जाएंगी वरना हमें पुलिस को बुलाना पड़ेगा तो वो आदमी कहने लगते हैं कि हां चल बुला
पुलिस को और सबसे पहले तो वनराज को ही पकड़ा जाएगा और कहने लगता है कि अगर पुलिस आएगी ना तो हमें नहीं वनराज शाह को अपने साथ लेकर जाएगी और तभी हम किंजल को देखते हैं जो कि कहने लगती है कि देखिए आपको जो भी बात करनी है प्लीज बैठ के शांति से बात कीजिए और गन को अंदर रख दीजिए यहां पर बच्चे हैं वो डर जाएंगे और तभी वहां पर पाख कहने लगती है कि देखिए आपको पापा से प्रॉब्लम क्या है तो उनमें से एक आदमी
कहने लगता है कि वनराज जो है वो हमारे पैसे लेकर भाग गया है और तभी वो कहने लगते हैं कि हमने उसके ऊपर भरोसा कर कर अपने ने पैसे इन्वेस्ट किए लेकिन आगे चलकर पता चला कि ऐसा कोई प्रोजेक्ट ही नहीं है और ना जाने उसने कितनों के साथ ऐसा धोखाधड़ी करी है और उनके पैसे लेकर भाग गया है और तभी वहां पर तपिश कहने लगता है कि पापा जो है वो फ्रॉड नहीं है देखो आप लोगों को कोई मिसअंडरस्टैंडिंग हुई है एक बार उनको आने
दीजिए सब क्लियर हो जाएगा और तभी वहां पर बाभी कहने लगती है कि हां मेरा बेटा ऐसा नहीं है वोह बहुत ही मेहनत करके पैसा कमाता है और वह कभी ऐसा कुछ कर ही नहीं सकता और तभी वहां पर वो आदमी कहने लगता है कि यहां पर मैं वनराज के गुणगान सुन के लिए नहीं आया हूं अपना पैसा वापस लेने के लिए आया हूं और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि तोशो जो है वो उनसे कहने लगता है कि अगर पापा आ जाएंगे तो आपके
पैसे जो है वो लौटा देंगे और अभी यहां पर बच्चे हैं और प्लीज आप यहां से चले जाइए तो यहां पर वो लोग जो है वो गुस्से में आकर जो है वो फोड़ने लगते हैं उनकी चीजें जो है वो इधर-उधर फेंकने लगते हैं और तब भी वहां पर तपिश कहने लगता है कि प्लीज सर आप ऐसा मत कीजिए और अगर पापा आ जाएंगे तो हम आराम से बात करेंगे और तोसू भी कहने लगता है कि प्लीज आप ऐसे तोड़फोड़ कैसे कर सकते हैं है तो यहां पर वो लोग कहने लगते हैं कि ताकि
हमारा मैसेज जो है वो वनराज तक पहुंच सके और तभी वहां पर वो कहने लगते हैं कि अगर आप लोग अपनी भलाई चाहते हैं तो वनराज को बुला लीजिए वरना अगली बार हम बच्चों और बुजुर्गों पे भी भला नहीं करेंगे और तभी वो लोग जो है वो वहां से चले जाते हैं वहीं हमें दूसरी ओर अनुपमा को दिखाया जाता है जो कि मेघा के घर के बाहर खड़ी हुई होती है और कहने लगती है कि कितनी बार मैं यहां आई हूं लेकिन मुझे यह नहीं पता था कि हमारी छोटी जो है वो
इस दरवाजे के अंदर है और जैसे ही वोह घर के अंदर जाते हैं तो डीन सर मिलते हैं हैं और वहीं पर वोह जो है इधर-उधर देखने लगते हैं तो यहां पर जो है अनुपमा कहने लगती है कि हम दोनों के अलावा यहां पर कोई नहीं है और तभी वहां पर डीन जो है वो हाथ जोड़कर कहने लगता है कि मेघा की तरफ से मैं माफी मांगता हूं और वो ऐसी नहीं है और आप प्लीज पुलिस को मत बुलाइए और तभी वहां पर अनुज कहने लगता है कि अगर हम पुलिस को इवॉल्व करते
तो आपकी पत्नी यहां नहीं पुलिस के पास होती जेल में और तभी वहां पर अनुपमा कहने लगती है कि एक मां जो है वो मां से मिलने आई है और वो मिलकर रहेगी और तभी वहां पर डीन कहने लगता है कि एक्चुअली मैम मेघा को बुलाने से पहले मैं आपसे कुछ बात करना चाहता हूं और कहने लगता है कि देखो मैं जानता हूं कि मेघा ने जो है वोह आद्या के साथ और आप दोनों के साथ जो है वह बहुत ज्यादा गलत किया लेकिन उसने यह इसीलिए किया क्योंकि वह
अपनी बेटी के खो जाने के बाद जो है वह अपना मानसिक संतुलन जो है वह खो बैठी थी और उसे लगता है कि हमारी बेटी प्रिया जो है वह उसकी वजह से गुम हो गई और खो गई और इसी डर की वजह से उसने अपने आप को मारने की कोशिश की और फिर एक दिन जो है हम चाइल्ड वेलफेयर सेंटर में गए जहां पर हमें आद्या जो है वो बिल्कुल हूबहू जो है वो प्रिया जैसी दिखी और इसीलिए शायद जो है वो मेघा जो है वो आद्या को अपनी प्रिया समझने लग गई
और मेघा की जिद की वजह से जो है वो हम आध्या के फोस्टर पेरेंट्स बनए और उसके बाद से जो है मेघा काफी ज्यादा खुश रहने लग गई और ऐसे लगता था कि मानो कि हमारी जिंदगी में कोई बाहर आ गई है और मेघा को जो है उसकी बेटी प्रिया मिल गई आध्या के रूप में और मुझे मेरी मेघा मिल गई और तभी वहां पर डीन जो है वो अपनी बेटी प्रिया की फोटो जो है वो अनुपमा को दिखाते हुए नजर आ ता है और तभी वहां पर डीन बताता है कि मेघा की ममता
पर जो है वो उसका डर हावी हो गया और वह धीरे-धीरे करके आद्य को जो है वो प्रिया बनाने लग गई और मेघा जो है वो प्रिया को फिर से ना खोदे इसी डर से जो है व आध्या को बिल्कुल कमरे के अंदर रखती थी और कहीं भी जाने आने नहीं देती थी और कहीं भी अकेला नहीं छोड़ती थी लेकिन यह बात सच है कि उसने कभी भी हाथ नहीं उठाया आध्या पर सिर्फ और सिर्फ प्यार किया है और कभी भी उससे ऊंची आवाज में बात नहीं की है अगर उसने कुछ किया
है तो सिर्फ और सिर्फ प्यार किया है और अपने ममता लुटाई है और हां मैं मानता हूं कि उसका तरीका गलत है तो यहां पर अनुपमा कहने लगती है कि ममता कभी गलत नहीं होती लेकिन शुरू शुरू में आपकी बीवी ने उसे प्यार किया होगा वोह सही था ममता भी थी लेकिन उसके बाद वो ममता जिद में बदल गई क्योंकि व आधे को प्रिया बनाने में लग गई और यही जिद उसे ले बैठी फिर वो कहती है कि क्या मेघा प्रिया के कमरे में होगी तो उसका पति जो है
वह सिर हिलाता है और कहता है कि हां वह प्रिया के ही कमरे में बैठी है फिर अनुपमा कहती है कि मैं उससे मिलने जा रही हूं और तभी वहां पर अनुज कहने लगता है कि संभल कर जाना और कहने लगता है कि तुम्हें डॉक्टर ने कहा है कि अभी तुम्हारे जो स्ट्रेस है वो अभी ताजा-ताजा है और तुम्हें जो है अभी खतरा हो सकता है तो वो कहने लगती है कि कोई बात नहीं और जैसे ही अनुपमा जो है वो मेघा के रूम में जाने लगती है तो अनुज उसे वर्न करता है और
कहता है कि सावधानी से तो यहां पर अनुपमा कहने लगती है कि मैं ध्यान रखूंगी तो अनुज जो है वो मेघा के पति एक जगह पर खड़े होते हैं और अनुपमा मेघा के रूम में जाती है और तभी वो जैसे ही अंदर जाती है तो मेघा को देखती है जो कि एक बेड के कॉर्नर में जो है वह बैठी हुई होती है प्रिया की पिक्चर लेकर और बिल्कुल ही सड मूड में जो है वो रो रही होती है तो अनुपमा कहने लगती है कि मेघा जी अब आपको रोशनी में आने का समय आ गया है और
जैसे ही मेघा अनुपमा को देखती है तो कहने लगती है कि अरे तुम तुम यहां पर क्यों आई हो तुम तो मेरी बेटी को छीन के ले गई ना तो अब यहां पर क्या लेने के लिए आई हो चली जाओ यहां से तो यहां पर अनुपमा कहने लगती है कि ऐसे कहने से कुछ नहीं होगा आपको मेरे कुछ सवालों का जवाब देना होगा तो वो कहती है कि मुझे तुमसे कोई बात नहीं करनी और तुम यहां से चली जाओ और तभी वहां पर अनुपमा कहने लगती है कि मैं यहां से जाने के लिए नहीं नहीं
आई हूं बल्कि आपसे कुछ बातें करने के लिए आई हूं तो मेघा जो है वो चिर जाती है और कहती है कि तुम यहां से नहीं जा रही तो मैं चली जाती हूं तो वो उठकर जो है वो अब सीधा अपने पति के पास आ जाती है और कहती है कि यह यहां क्या करने के लिए आई है तुम इसे संभालो और इसे यहां से भगा दो और कहने लगती है कि इसने मेरी बेटी प्रिया को मुझसे छीन लिया प्लीज इसे जाने के लिए कहो और इसे भगाओ यहां से और तभी वहां पर अनुपमा कहने
लगती है कि अरे वो आपकी प्रिया नहीं है वह आद्या है आप शांत हो जाइए तो यहां पर कहने लगती है कि मैं आपका दर्द समझ सकती हूं तभी वहां पर मेघा कहने लगती है कि सच में आप मेरा दर्द समझ सकती हैं तो अनुपमा कहने लगती है कि हां वह एकदम से थोड़ी शांत हो जाती है और वहीं पर मेघा कहने लगती है कि अगर तुम मेरे दर्द को समझ सकती ना तो इसका मतलब तुम मेरी प्रिया मुझे लौटाने के लिए आई हो और व झोली फैलाकर अनुपमा के आगे
खड़ी हो जाती है और कहने लगती है कि तुम मेरी प्रिया मुझे लौटा दो और बुरी तरह से वहां पर रोने लग जाती है तो अनुपमा उसे समझाती है और कहती है कि अगर आपकी बेटी प्रिया होती तो मैं आपको जरूर लौटा देती लेकिन वो मेरी बेटी आद्या है और यह सब सुनकर जो जो है वो मेघा काफी ज्यादा गुस्सा हो जाती है और चिल्लाना स्टार्ट कर देती है और कहती है कि तुम झूठ कह रही हो वो मेरी बेटी प्रिया है तो यहां पर अनुपमा जो है वो उसकी बातें सुनकर आपे
से बाहर हो जाती है और गुस्से में जोर से चिल्लाती है और कहती है कि वह मेरी आद्या है अब जैसे ही वह जोर लगाकर बोलती है तो उसके पेट पर खिंचाव के कारण जो है वोह उसके टांको में दर्द होना शुरू हो जाता है तो अनुज उसे कहता है कि तुम शांत हो जाओ तुम्हारे इतना चिल्लाने से सही नहीं होगा और तभी हम अनुज को देखते हैं जो कि अनुपमा को शांत करवाने की कोशिश कर ता हुआ नजर आता है और अनुपमा जो है वह दर्द के बीच में भी फिर से
अपने ही गुस्से पर कंट्रोल नहीं कर पाती और वह बार-बार उसे कहती रहती है कि वो मेरी आद्या है आप समझ क्यों नहीं रहे हो और तभी वहां पर अनुपमा जो है वह मेघा को समझाती हुई नजर आती है और कहती है कि आपकी बेटी मिल जाएगी बस आप उम्मीद मत खोईएमयू आपकी बेटी को ढूंढने में आपकी मदद करूंगी और कहती है कि लेकिन आपको एक कदम तो बढ़ाना ही होगा फिर अनुपमा उसे समझाती हुई नजर आती है और तभी वहां पर अनु जो है
वो प्रिया की फोटो लिकर जो है वह मेगा के हाथ में रखती है और कहने लगती है कि आप अपनी बेटी प्रिया के सर पर हाथ रखकर कसम खाइए कि मेरी बेटी आद्या यहां पर खुश थी तो तभी वहां पर मेघा जो है वो याद करने लगती है कि कैसे आद्या यहां पर कहने लगती थी कि मैं आपकी बेटी नहीं हूं आपकी बेटी कहीं खो गई है और उसे कैसे वो पिंजरे में कैद करके रखती थी और वहीं पर आद्या जो है वो कहने लगती थी कि मुझे यहां पर क्यों कैद करके रखा है
सभी सीन जो है वो मेघा के आगे चलने स्टार्ट हो जाते हैं जहां पर आद्या बहुत ही ज्यादा दुखी रहती थी और तभी वहां पर अनुपमा कहती है कि आपने अपनी बेटी के साथ तो गलत किया ही किया आपने मेरी बेटी के साथ भी गलत किया उसको कैद में रखा और आपको तो उम्मीद नहीं हार चाहिए थी आपको तो अपनी बेटी को लगातार ढूंढते रहना चाहिए था और तभी वहां पर मेघ जो है वो काफी ज्यादा इमोशनल हो जाती है और रोने लगती है तो अनुपमा कहने
लगती है कि मेरी बेटी भी तो खो गई थी और मेरे इस इनके पापा ने तो हार मान ली थी लेकिन एक मां का दिल जो है वोह कभी भी हार नहीं मान सकता कि उसकी बेटी जो है वो इस दुनिया में नहीं रही तो इसी वजह से मैंने जो है वो हार नहीं मानी और अपनी बेटी को ढूंढती रही और आज देखिए आज मेरी बेटी जो है वो मेरे सामने है और तभी वहां पर अनुपमा जो है वो मेघा से कहने लगती है कि आपको मेरी बात समझनी चाहिए और अपनी बेटी को ढूंढने की
कोशिश करनी चाहिए और प्रिया को ढूंढने में मैं आपका पूरा का पूरा साथ दूंगी और अनुपमा अपने आप से ही बात करती है और कहती है कि कभी-कभी सच्चाई को सामने लाने के लिए कुछ कड़वे शब्दों का सहारा लेना पड़ता है और मैं वही कर रही हूं और यहीं पर दोनों माएं एक दूसरे को समझाते हुए और
समझते हुए नजर आते हैं तो दोस्तों आपको क्या लगता है कि मेघा जो है वह अब अपनी बे को ढूंढने की कोशिश करेगी या नहीं करेगी साथ ही साथ हमें अपनी राय जरूर दीजिएगा और साथ ही साथ हमें कमेंट सेक्शन में यह भी जरूर बताइएगा
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