Anupama Written Episode 10th September 2024: दोस्तों टीवी सीरियल अनुपमा की आज की कहानी में हमें देखने के लिए मिलता है कि अनुज जो है वह अपने घुटनों के बल बैठकर अनुपमा को प्रपोज करते हुए नजर आता है और वहीं पर हम देखते हैं कि अनुपमा जो है वो अंदर ही अंदर काफी ज्यादा खुश नजर आती है लेकिन वह कोई भी रिस्पांस नहीं दे पा रही थी जिसकी वजह से यहां पर हम देखते हैं कि सभी लोग जो है वो उसे फोर्स करते हुए नजर
Anupama Written Episode 10th September 2024
आते हैं और सब कहते रहते हैं कि प्लीज हां बोल दीजिए ना प्लीज हां बोल दीजिए ना और यहां पर सभी जो है वह अनुपमा को हां बोलने के लिए कहते हुए नजर आते हैं लेकिन अनुपमा जो है यहां पर कुछ भी नहीं बोल पाती जिसकी वजह से यहां पर अनुज को समझ आ जाता है वह उसका चेहरा पढ़ लेता है
और वह घुटनों के बल से उठकर खड़ा हो जाता है और तभी वहां पर वह कहने लगता है कि तुम इतना ज्यादा टाइम ले रही हो बोलने में मेरे घुटने दर्द हो गए हैं और यहीं पर अनुपमा जो है वह मन ही मन के अंदर सोचने लगती है कि मुझे पता है कि आपके घुटनों में दर्द नहीं आपने मेरा चेहरा पढ लिया था इसी
वजह से आप खड़े हुए हो और तभी हमें दिखाया जाता है कि यहां पर अनुज और अनुपमा जो है वह मनी मन के अंदर एक दूसरे से बातें करते हुए नजर आते हैं और तभी वहां पर अनुज कहने लगता है मनी मन के अंदर कि हर बार की तरह मुझे पता चल गया है कि तुम्हारे अंदर क्या चल रहा है और तभी वहां
पर अनुपमा भी जो है वह सॉरी सॉरी कहते हुए नजर आती है कपाड़िया से और कहने लगती है कि मैं इतनी ज्यादा खुश हूं कि मैं अपनी खुशी को बया नहीं कर सकती लेकिन पता नहीं क्यों मेरा मन अभी मान नहीं रहा है जिसकी वजह से मैं अभी कुछ भी नहीं कह पा रही हूं और तभी वहां पर अनुज जो है वो मनी
मन के अंदर सोच रहा होता है कि मैं समझता हूं अनु मैं सब कुछ समझता हूं और तभी वहां पर बापू जी कहने लगते हैं कि तुम दोनों चुप क्यों हो तो यहां पर आधे भाई कहने लगती है कि वही तो प्लीज मम्मी से यस प्लीज मम्मी ऐसे कहने लगती है उसके बाद वहां पर अनुज कहने लगता है कि अपनी मम्मी को
आध्या परेशान मत करो वोह पहले से ही इतनी ज्यादा परेशान है और उसने कितना सब कुछ सहा है और तुम्हें क्लेरिटी है मुझे क्लेरिटी है और अनु को क्लियर होने के लिए थोड़ा और वक्त चाहिए तो ले लो और यहीं पर बापू जी कहने लगते हैं कि अनुज की बात भी सही है अनुपमा को सोचने का टाइम देना
Anupamaa || 10 Sep 2024 || Anuj Purposes to Anupamaa || Dolly Demands Penthouse too
चाहिए और तभी वहां पर किंजल भी कहने लगती है कि हां मम्मी नो रश आपको जितना ज्यादा टाइम चाहिए आप ले लीजिए और आराम से सोचिए और तभी वहां पर अनुज कहने लगता है कि इंतजार जो है वोह मोहब्बत करने का फल है और सह लेंगे थोड़ा क्योंकि भगवान ने मेरी किस्मत में जो है वो इंतजार
जो है वो भर-भर के दिया है और कोई बात नहीं मोहब्बत भी तो भर-भर के दी है और तभी व कहने लगता है कि जहां इतने साल इंतजार किया थोड़ा और सही और तभी वहां पर बालाजी कहने लगते हैं कि वाह आशिक हो तो ऐसा वरना ना हो और तभी वहां पर बा जो है वो कहने लगती है कि अब हम चलते हैं
थोड़ा डॉली से भी मिल लेते हैं और तभी हम सागर को देखते हैं जो कि मीनू से कहने लगता है कि मुझे जो है वो काफी ज्यादा डर लग रहा है है तो मीनू कहने लगती है कि मुझे भी तो यहां पर मीनू जो है वो सागर को याद दिलाती है कि हमें अपने प्यार के लिए ना लड़ना होगा और तुम्हें याद है ना कि हम लोगों
ने क्या डिसाइड किया था उस दिन और तभी वहां पर सागर जो है वो कही हुई बातें जो है वो याद करने लगता है और उसको थोड़ी बहुत हिम्मत मिलती है जिसकी वजह से वो मीनू का हाथ थाम लेता है और वहीं पर हम देखते हैं कि मीनू जो है वो शाह हाउस में चली जाती है और तभी हमें सीरियल में आगे देखने
के लिए मिलता है कि बापू जीी और बा जो है वो दोनों एक दूसरे के साथ में बैठे हुए होते हैं शाह फैमिली में और शाह फैमिली के सारे के सारे लोग जो है वो वहां पर खड़े हुए होते हैं और वहीं पर हम देखते हैं कि बापू जी जो है वो डोली से कहते हुए नजर आते हैं कि तुम्हें पूजा में इतना ज्यादा तमाशा करने की क्या
जरूरत थी बेटा और तभी वहां पर डॉली कहने लगती है कि जरूरत थी और डॉली हमेशा चुप रहती है इसका मतलब यह नहीं कि डॉली के मुंह में जुबान नहीं है और तभी वहां पर डॉली कहने लगती है कि भाई तो घपला करके चले गए लेकिन आप और बा और तोशो तो था ना और मेरे मायके का घर जो है वो
बेच दिया और मुझे किसी ने बताया तक नहीं क्यों क्या मैं इस घर के नहीं हूं और तभी वहां पर तोसू महाराज जो है वो अपना मुंह खोलने लगते हैं और कहने लगते हैं कि आप गलत समझ रही हैं डोली फुई हमें लगा कि पापा ने आप लोगों को सब कुछ बता दिया होगा तो यहां पर डोली जो है वो उसको चुप करा
Anupama Written Episode 10th September 2024 Today
देती है और कहने लगती है कि तुम तो चुप ही रहो और तभी वहां पर वो कहने लगती है कि भाई तो चले गए और सबको अपना-अपना हिस्सा भी मिल रहा है तो मेरा हिस्सा कहां है घर में तो बापू जी कहने लगते हैं कि तुमने तो कहा था कि तुम्हें कोई हिस्सा नहीं चाहिए तभी वहां पर डॉली कहने लगती है कि तब
की बात अलग थी बापू जी तो यहां पर मीनू कहने लगती है कि अब क्या हो गया है अब आपको क्यों चाहिए हिस्सा और वहीं पर तोशो भी कहने लगता है कि डोली फुई आपको पता है ना कि पापा करोड़ों लेकर भागे हैं तो हमारे पास अभी कुछ भी नहीं है तभी वहां पर डोली कहने लगती है कि बिल्डर के पास तो है
ना तो मुझे अपने हिस्से का जो है वो पेंट हाउस चाहिए और तभी वहां पर बापू जी कहने लगते हैं कि मुझे कुछ नहीं पता मैंने तो वनराज को उसी समय कहा था कि मुझे इस घर में कुछ भी हिस्सा नहीं चाहिए अब तुम लोग खुद ही सोचो और खुद ही करो जो तुम्हें करना है और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के
लिए मिलता है है कि अनुपमा जो है वह मंदिर के सामने खड़ी हुई होती है और भगवान के सामने कह रही होती है कि आप तो जानते ही हैं ना कि मैं अनुष से कितना ज्यादा प्यार करती हूं और उसके बिना नहीं रह सकती और मैं भी चाहती हूं कि मैं उसे जो है वह झट से हां कर दूं शादी करने के लिए लेकिन पता
नहीं क्यों अब भी कुछ ना कुछ तो मुझे अटका हुआ नजर आ रहा है और मन में जो है वह आभास हो रहा है और मैं उसे हां नहीं कह पा रही हूं आप ही बताइए कि मैं क्या करूं आप कुछ ना कुछ तो कीजिए और मेरी इस दुविधा को दूर कर दीजिए और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि
डॉली जो है वोह काफी ज्यादा भड़की हुई होती है और वह कहने लगती है कि मैं अब यहीं रहने वाली हूं तो मीनू कहने लगती है कि मम्मी पापा मान गए क्या इस बात के लिए तो वो कहती है कि तुम्हारे पापा को मेरी पड़ी ही कहां है और यह सुनते ही बा को होता है कि कहीं इसमें आपस में कुछ ना कुछ मनमुटाव
तो नहीं चल रहा तो फिर बा कहती है कि तुम दोनों में कोई मनमुटाव चल रहा है क्या तो तभी वहां पर डॉली कहने लगती है कि मम्मी जिस मुद्दे की बात हो रही है ना उसी पर रही है क्यों मन भटका रही हैं और मेरा ध्यान भटका रही है मैंने तो कह दिया ना कि अब मैं यहीं रहूंगी और कहती है कि मैं वापस आ गई
हूं और आपसे सब कुछ हैंडल मैं ही करूंगी और यह बात सुनकर तो तोशो जो है वो काफी ज्यादा शॉक्ड हो जाता है और तभी हम देखते हैं कि डॉली जो है वो गुस्से से वहां से निकल जाती है और तभी हम देखते हैं कि बा जो है वो मीनू को कहती है कि बेटा इधर आ और तेरी मम्मी ये पापा के बारे में क्या कह रही
थी तो मीनू कहने लगती है कि क्या बताऊं बा और मम्मी पापा के इतने ज्यादा झगड़े हैं कि मैं वहां से पढ़ने के लिए र चली गई और वहां से यहां आ गई और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि अनुज और आद्या जो है वह आपस में बातें कर रहे होते हैं और एक दूसरे के साथ बैठे हुए होते हैं और
तभी वहां पर आद्या कहने लगती है कि पापा मुझे ना बहुत ज्यादा टेंशन हो रही है तो अनुज कहने लगता है कि बेटा टेंशन क्यों ले रही हो तो व कहने लगती है कि मम्मी पता नहीं हां कहेगी या ना कहेगी मम्मी इतना ज्यादा टाइम क्यों ले रही है और मुझे उनकी हां ना के बारे में सोचकर टेंशन हो रही है और तभी
वहां पर अनुज जो है वो आध्या को समझाता है और कहता है कि तुम्हारी मम्मी जो है वो जो भी फैसला लेती है उसमें देरी जरूर करती है टाइम जरूर लेती है लेकिन फैसला जो भी लेती है वो बिल्कुल सही लेती है और वहीं पर हम देखते हैं कि अब वह हां कहे या फिर ना कहे मैं उसके दोनों फैसलों में उसके साथ
देने वाला हूं और मैं उसके हर फैसले का सम्मान करूंगा तो तभी वहां पर आद्या जो है वहां से चली जाती है तो अनुज जो है व मन ही मन में सोच रहा होता है कि तुम जो भी फैसला लोगी ना मैं तुम्हारे साथ हूं और जब भी तुम पलट के देखोगी तो तुम मुझे ही पाओगी और तभी हमें अनुपमा को दिखाया जाता है जहां
पर वो वो भी मनी मन के अंदर सोच रही होती है कि भगवान मैं हां कहूं या ना कहूं मुझे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है और मैं हां तो कहना चाहती हूं लेकिन पता नहीं क्यों नहीं कह पा रही हूं और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि तोसू जो है वो बड़े ही स्ट्रेस में चल रहा होता है और वोह कहता
है कि पाखी ने यह डोली फुई को बुलाकर बहुत ही बड़ा गलत कर दिया मैं तो सागर और मीनू की कस्ती में छेद करना चाहता था तो यहां तो मेरी ही कस्ती में छेद हो गया और अब वो अपना हिस्सा लिए बिना यहां से नहीं जाएगी और ना ही मानेगी और वो काफी ज्यादा स्ट्रे में होता है और काफी ज्यादा सोच रहा
होता है और कहता है कि अब मुझे कुछ ना कुछ तो करना ही होगा तभी हम देखते हैं कि वहां पर किंजल आ जाती है और उसे चॉकलेट देकर कहती है कि यह खा लो स्ट्रेस थोड़ा कम हो जाएगा और तभी वहां पर तोसू जो होता है वोह उसकी दी हुई चॉकलेट को पकड़कर फेंक देता है और तभी वहां पर वो कहने
लगती है किंजल कि चॉकलेट पे गुस्सा क्यों निकाल रहे हो चॉकलेट पे निकाल कर क्या होगा तुम्हें ही करना होगा जो कुछ करना होगा तभी वहां पर तोशो कहने लगता है कि हां करना तो मुझे ही होगा अब जो मैं करूंगा ना उसमें तुम्हें मेरा साथ देना होगा जो यह डोली फुई है ना यह हमारा हिस्सा मांग रही है
तभी वहां पर किंजल जो है वह तोशो की बातें सुनकर हंसने लग जाती है और कहती है कि कौन किसका हिस्सा मारना चाह रहा है वह तो साफ-साफ दिख रहा है और वह तो अपना हिस्सा मांग रही है तुम्हारा नहीं बल्कि तुम तो उनका हिस्सा खाने की सोच रहे हो तभी वह कहने लगता है तो शू कि उन्होंने हमारे
घर में कंट्रीब्यूशन किया ही क्या है पहले पढ़ती रही फिर शादी करके यहां से चली गई कभी घर में एक पैसे का हिस्सा नहीं दिया और यहां हिस्सा मांगने आ गई मैंने उनके लिए कोई ठेका नहीं ले रखा और ना ही मैंने कोई धर्मशाला खोल रखा है और तभी वह कहता है कि मैं उनको साफ-साफ कहने वाला हूं कि
उनको अपना और मेनो का खर्चा देना होगा अगर इस घर में रहना है तो कैजल कहती है कि क्या बकवास कर रहे हो मुझे लगता है कि तुम्हें अपने दिमाग का इलाज करना होगा और किसी अच्छे डॉक्टर को दिखाना होगा पैसे मैं दे दूंगी और तभी वहां पर तोसू जो है वो केंजल की बातें सुनकर उसे देखता ही रह
जाता है तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि अनुपमा का पैर फिसल जाता है और वह गिरने ही वाली हो होती है कि अनुज उसे थाम लेता है और जैसे ही अनुज उसे थाम है तो अनुपमा जो है वह उसकी तरफ देखने लगती है और उसकी आंखों में खो जाती है और तभी हम देखते हैं कि वहां पर
बापू जी आ जाते हैं और जिसे देखकर अनुपमा वहां से चली जाती है तो तभी वहां पर बापू जी जो है वो अनु से कहते हैं कि बेटा मुझे बहुत अच्छा लग रहा है कि तुमने अनुपमा को टाइम दिया और उसे टाइम दे रहे हो तभी वहां पर अनुज कहने लगता है कि मैं तो पहले भी टाइम देता था और अब भी टाइम दे रहा
हूं तो तभी वहां पर बापू जी जो होते हैं वो अनुज को समझाते हैं कि देखो बेटा जो अनुपमा है ना वो बहुत सारे रिश्ते जिंदगी में निभा चुकी है और मां का पत्नी का बेटी का बहू का सारे रिश्ते जो है वो उसने निभाए हैं लेकिन कोई भी रिश्ता उसको रास नहीं आया और कहते हैं कि सब रिश्ते जो हैं उसके वो कुछ
समय के लिए रहते हैं और उसके बाद टूट जाते हैं और मुझे जहां तक लगता है उसने सभी रिश्तों को बहुत ही ज्यादा ईमानदारी से निभाया है लेकिन अब वह थक गई है और उसे लगता है कि कहीं उसकी खुशी जो है वो कुछ समय तक ना हो इसी कारण जो है वो उसे डर सता रहा होगा लेकिन तुम उसे टाइम
दो जब भी उसे लगेगा कि उसकी खुशी जो है वह अब नहीं जाएगी तो वह भागी भागी तेरे पास ही आ जाएगी अनुज कहता है कि बापू जी आप ऐसे ही मेरा साथ देते रहिए और मैं हमेशा अनुपमा का साथ दूंगा फिर जो अनुज होता है ना वह बापू जी की बातें सुनकर कहता है कि बापू जी आप टेंशन मत लीजिए
मेरी और अनुपमा की जो प्रेम कहानी है ना उसका अंत बड़ा ही फेरीटेल जैसा होगा और तभी हमें सीरियल में आगे देखने के लिए मिलता है कि डॉली और मीनू का जो है वह आपस में वाद-विवाद चल रहा होता है जहां पर मीनू कह रही थी कि मैं आशा भवन जा रही हूं और डॉली कहती है कि तुम्हें मैंने कहा है
ना कि तुम वहां नहीं जाओगी तो वह कहती है कि आपको क्या हो गया है और तभी वहां पर डोली कहने लगती है कि मुझे जो पाख ने कहा ना वो बिल्कुल सही कहा है तो मेनू कहने लगती है कि अच्छा अब आपको उसकी बातों में ज्यादा विश्वास हो गया है और आप उसकी बातें सुनकर जो है वो यह सब कुछ
कर रही हो उसने जो कुछ कहा आपने उसकी बातें मान ली तो तभी वहां पर डोली कहने लगती है कि वो सब छोड़ो अब तो मैं यह सोच रही हूं कि तुम्हें यहां रहने भी दूं या नहीं और तभी वहां पर डोली कहने लगी ती है कि मेरी बात जो है नाना वो बिल्कुल ध्यान से सुन लो ना तुम वहां आशा भवन में जाओगी और
ना वहां के लोगों से मेलजोल करोगी नहीं तो अगर तुम मेरी बात नहीं मानोगी ना तो मैं तुम्हा तुम्हारे पापा के पास यूएस भेज दूंगी तो जो मेनू होती है वो कहती है कि पता नहीं तोसू कैसे चुप है और फिलहाल तो मैं पक्का जाऊंगी और आप भी मेरे साथ चल रही हैं और वो अपनी मम्मी का हाथ थाम लेती है और
जबरदस्ती उसे वहां ले जाती है और कहती है कि वहां पर आध्या ने कुछ प्लान किया है और मैं जाऊंगी ही और तभी हम देखते हैं कि सभी लोग जो है वह आशा भवन में इकट्ठा हो जाते हैं और तभी वहां पर आद्या जो है वह गेम खेलना स्टार्ट करती है और व कहती है कि हम यहां पर पर्ची डालकर एक ऐसा खेल
खेलेंगे जिसमें दो व्यक्तियों का नाम आएगा और वह यहां पर जोक सुनाएगा या फिर डांस या फिर गीत का कुछ ना कुछ परफॉर्मेंस जरूर देगा तो तभी वहां पर सब लोग जो है वो काफी ज्यादा खुश हो जाते हैं और जो छोटे बच्चे होते हैं ना वो कहते हैं कि पर्चियां हम निकाल देंगे तो आध्या कहती है कि ठीक है यह
भी सही है तो बच्चे जो है वो जैसे ही पर्चियां निकालते हैं तो सबसे पहले जो नाम निकलता है व बापू जीी और बा का निकलता है तो बा कहती है कि अरे ये तुम लोग तो चीटिंग कर रहे हो हमारा नाम कैसे पहले आ गया और कहती है कि आपके सामने ही तो हमने निकाला था तो यहां पर हम देखते हैं कि बापू जी
जो है वो कहते हैं कि मैं कोई डायलॉग या फिर कोई एक्टिंग वगैरह करके दिखा सकता हूं तो आद्या कहती है कि कोई बात नहीं आपका जो भी मन कर रहा है आप सुना दीजिए और तभी वहां पर बापू जी जो है वो बा के लिए शेर सुनाते हुए नजर आते हैं जिससे कि बा जो है वो शर्मा आ जाती है और तभी अगला
नाम जो है व तपिश और नंदिता का निकलता है तो सब लोग जो है वो बहुत ज्यादा खुश हो जाते हैं लेकिन इसमें डिंपी को थोड़ा बहुत गुस्सा आ जाता है और तभी वहां पर बापू जी कहने लगते हैं कि खेल को खेल की तरह लेना चाहिए तो वहां पर तपेश कहने लगता है कि मैं ज्यादा कुछ तो नहीं करना चाहता लेकिन
बापू जी के जैसे कुछ ना कुछ तो इसके ऊपर बोल सकता हूं तो यहां पर हम देखते हैं कि वह कहता है कि मैं यही बोलूंगा कि जो दोस्ती होती है ना वो बहुत ही अच्छी होती है और एक अच्छा दोस्त वही होता है जो हमारी हंसी के पीछे के दुख को और आंसुओं को पढ़ लेता है और कहने लगता है कि वह लोग गलत
होते हैं जो इस दोस्ती को गलत नजर से देखते हैं और तभी वहां पर डिंपी जो है वह यह बात सुनकर थोड़ी बहुत नाराज हो जाती है तो दोस्तों आपको क्या लगता है कि अनुपमा जो है वह अब अनुज को हां बोलेगी या नहीं हमें कमेंट सेक्शन में अपनी राय जरूर दीजिएगा
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